बैंक अधिकारियों के चार संगठनों ने 25 सितंबर से प्रस्तावित 48 घंटे की अपनी हड़ताल सोमवार को वापस ले ली। इसके साथ ही सप्ताह के आखिरी चार दिनों के दौरान संभावित नकदी संकट से राहत मिल गई है। ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन (एआईबीओसी), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए), इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी), और नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स (एनओबीओ) की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि इन संगठनों के एक प्रतिनिधिमंडल ने वित्त सचिव राजीव कुमार से मुलाकात की और अपनी मांगें मामने का उनसे आग्रह किया। सचिव के सकारात्मक रुख के बाद संगठनों ने हड़ताल स्थगित करने का निर्णय लिया।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 30 अगस्त, 2019 को सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय करने की घोषणा करने का विरोध करने समेत अपनी अन्य मांगों को लेकर बैंक अधिकारियों ने 26-27 सितंबर को हड़ताल पर जाने का ऐलान किया था।
इससे इन दोनों दिन बैंकों में कामकाज ठप रहने वाला था। वहीं, 28 सितंबर को महीने का चौथा शनिवार होने के कारण बैंक बंद रहेंगे। 29 सितंबर को रविवार होने से बैंक बंद रहेंगे। इससे एटीम में नकदी का संकट रहने की आशंका बनी हुई थी।
प्रस्तावित विलय के तहत ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) और युनाइटेड बैंक का विलय पंजाब नेशनल बैंक के साथ किया जाना है। वहीं, यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक को मिलाकर एक बैंक बनाने का प्रस्ताव है। इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का विलय किया जाएगा। इसके अलावा, केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक का विलय होगा।
हालांकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक अधिकारी ने बताया था कि हड़ताल पर जाने से पहले ही बैंकों के सभी एटीएम में नकदी भर दिए जाएंगे, जिससे आम उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की परेशानी न आए।
इसके बाद एक अक्टूबर को बैंकों में नियमित कामकाज होगा, लेकिन दो अक्टूबर को गांधी जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश होने के कारण बैंक फिर बंद रहेंगे।