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नौकरी खोने की डर से सबसे ज्यादा प्रभावित भारत के इस प्रान्त के लोग

धार्मिक रूप से बात करें तो, सिख अपनी नौकरी खोने के डर से सबसे ज्यादा चिंतित है। 59.1 प्रतिशत सिखों ने माना कि उन्हें नौकरी खोने का भय है।

नई दिल्ली : इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि निम्न आय वर्ग वाले देश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है, लेकिन एक बात जो आपको दिलचस्प लग सकती है वो ये है कि भारत के चारों क्षेत्र में से दक्षिण के लोग कोविड-19 महामारी और जारी लॉकडाउन के बीच नौकरी जाने के भय से ज्यादा परेशान है। यह जानकारी नवीनतम आईएएनएस-सीवोटर इकोनॉमी बैट्री सर्वे से मिली।

यह पूछे जाने पर कि घर में एकमात्र कमाने वाले अगर आपकी नौकरी कोरोनावायरस की वजह से चली जाए तो आप इसके लेकर कितने चिंतित हैं, पर दक्षिण भारत से करीब 49 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे काफी चिंतित है, जबकि पूर्वी भारत के 33.3, उत्तर भारत के 35.5 और पश्चिम भारत के 33.2 लोगों को भी ऐसा ही मानना है।

यहां तक कि घरों से अपने नौकरी करने वाले 76.8 प्रतिशत दक्षिण भारतीय लोगों का मानना है कि वे अपने नौकरी खोने के डर से चिंतित हैं। वहीं पूर्वी भारत के 65.7, उत्तर भारत के 72.5 और पश्चिम भारत के 63.6 प्रतिशत लोगों को ऐसा मानना है।

धार्मिक रूप से बात करें तो, सिख अपनी नौकरी खोने के डर से सबसे ज्यादा चिंतित है। 59.1 प्रतिशत सिखों ने माना कि उन्हें नौकरी खोने का भय है। वहीं 48.3 प्रतिशत ईसाई, 38 प्रतिशत मुस्लिम और 32.8 प्रतिशत उच्च जाति के हिंदुओं का भी ऐसा ही मानना है। वहीं अनुसूचित जनजाति के 21.3 प्रतिशत लोगों का ही मानना है कि इस महामारी से वे नौकरी जाने के भय से अत्यधिक चिंतित हैं।

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