चीन में भारत के महावाणिज्य दूत सुजीत घोष कहा कि भारत जानलेवा कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने में सक्षम है और इसकी रोकथाम के लिए भारत सरकार ने कई कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय इसकी ताजा स्थिति की लगातार समीक्षा कर रहा है। भारतीय महावाणिज्य दूत ने यह बात चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) को दिए एक विशेष साक्षात्कार के दौरान कही।
उन्होंने कहा, “हमारी (भारत की) प्रणाली और प्रक्रिया काफी मजबूत है और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए भारत तैयार है। इस रोग की रोकथाम करने के लिए भारत सरकार ने अनेक कार्यक्रम शुरू किए हैं और भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से ताजा स्थिति की निरंतर समीक्षा की जा रही है।”
घोष ने यह भी कहा कि हरेक देश की प्रणाली और चुनौतियां भिन्न होती हैं, इसलिए निवारण भी उनके अनुसार ही होता है। लेकिन यह कोरोनावायरस बिलकुल नया है। चीन में इस महामारी से संबंधित जानकारियां चाहे मेडिकल तौर पर हो, उपचार को लेकर हो, उसके प्रभाव से संबंधित हो, या फिर चिकित्सा शोध के बारे में हो, बहुत उपयोगी और महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं। यदि ये जानकारियां पूरी दुनिया के साथ साझा की जाती हैं, तो इस चुनौती का सामना ठीक ढंग से किया जा सकता है।
घोष ने चीन में रह रहे भारत के लोगों को संदेश भी दिया कि चीन सरकार के स्वास्थ्य निर्देश और आधिकारिक प्रक्रिया का अनुपालन करें, जो बहुत जरूरी है। साथ ही लोगों को घबराने या परेशान होने से बचने और आवश्यकता होने पर भारतीय दूतावास या वाणिज्यदूतावास से संपर्क करने को कहा। उन्होंने लोगों से सकारात्मक सोचने और योगाभ्यास करने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि इस महामारी के खिलाफ तभी सफलतापूर्वक लड़ पाएंगे जब सभी देश चिकित्सा शोध को एक दूसरे के साथ साझा करेंगे। इसके अलावा, टीकों की खोज, संक्रमित रोगियों का पता लगाना आदि संदर्भ में सभी देशों को मिलजुल कर काम करना होगा।
महावाणिज्य दूत ने यह भी कहा कि महामारी के खिलाफ लड़ाई में चीनी लोगों ने जो ²ढ़ संकल्प दिखाया है,जो सराहनीय है। साथ ही, आंकड़ों से भी पता चलता है कि चीन ने जो कदम उठाये हैं वे कारगर रहे हैं।
कोरोनावायरस के रोगियों का इलाज करने के लिए चीन ने वुहान शहर में मात्र 10 दिनों में दो अस्पतालों का निर्माण कर दिया और 65 हजार से ज्यादा चीनी डॉक्टर हुपेई प्रांत गये, इस पर चर्चा करते हुए क्वांगचो स्थित भारतीय महावाणिज्य दूत ने कहा, “चीन पूरे विश्व में अपनी अवसंरचना क्षमता के लिए जाना जाता है। जहां तक ड़ॉक्टरों का सवाल है, उनका योगदान सराहनीय है। वे हर जगह अग्रिम पंक्ति (फ्रंटलाइन) पर काम कर रहे हैं। उनके योगदान का जितना भी धन्यवाद किया जाए उतना ही कम है।”
(साभार—चाइना रेडियो इंटरनेशनल ,पेइचिंग)