केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के प्रमुख आलोक वर्मा से निदेशक का प्रभार वापस ले लिया गया है और सरकार ने फिलहाल सीबीआई के संयुक्त निदेशक एम.नागेश्वर राव को यह प्रभार सौंप दिया है। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने यह फैसला मध्यरात्रि में लिया जो एसीसी सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के एक दूसरे पर रिश्वत लगाने के आरोपों के बीच लिया गया है।
आधिकारिक बयान में कहा गया, “एसीसी ने यह मंजूरी दी है कि वर्तमान में सीबीआई के संयुक्त निदेशक के तौर पर काम कर रहे एम. नागेश्वर राव सीबीआई निदेशक के कर्तव्यों व कार्यो की देखरेख करेंगे और वह तत्काल प्रभाव से प्रभार संभाल लेंगे।”
यह फैसला अस्थाना के मंगलवार को सभी पर्यवेक्षी प्रभार से हटाए जाने के बाद आया है।
सरकार देश के प्रमुख जांच एजेंसी के शीर्ष अधिकारियों के बीच युद्ध से नाराज दिख रही है जिसके बाद उनकी ओर से यह कार्रवाई की गई।
आलोक वर्मा की नियुक्ति सीबीआई निदेशक के रूप में दो साल के लिए हुई थी और उनका कार्यकाल इस साल दिसंबर में खत्म हो रहा है।
सीबीआई ने मंगलवार को अपने उप पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया। देवेंद्र कुमार को सोमवार को रिकॉर्ड में फर्जीवाड़े के लिए गिरफ्तार किया गया था।
देवेंद्र ने यह फर्जीवाड़ा मांस निर्यातक मोईन कुरैशी के खिलाफ आरोपों की जांच के दौरान रिकॉर्ड में किया था।