पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी को तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) आयात के अनुबंध से जुड़े अरबों रुपये के मामले में गुरुवार को राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने गिरफ्तार कर लिया। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अब्बासी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नेता अहसान इकबाल और प्रवक्ता मरियम औरंगजेब के साथ एक प्रेसवार्ता के लिए जा रहे थे तभी रास्ते में ही थोकर नियाज बेग मोड़ पर उनको गिरफ्तार कर लिया गया। अब्बासी पीएमएल-एन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हैं।
अब्बासी ने पहले गिरफ्तारी का विरोध किया लेकिन आखिर में उन्हें मानना पड़ा। उन्हें मेडिकल चेकअप के बाद एनएबी के लाहौर दफ्तर ले जाया गया।
पीएमएल-एन नेता मरियम नवाज ने अब्बासी की गिरफ्तारी का वारंट साझा किया है जिस पर 16 जुलाई की तारीख है। गिरफ्तारी वारंट के अनुसार, अब्बासी पर नेशनल अकाउंटेबिलिटी ऑर्डिनेंस (एनएओ)-1999 की धारा 9 (ए) के तहत भ्रष्टाचार के कार्य का आरोपी ठहराया गया है।
एनएबी के चेयरमैन सेवानिवृत्त न्यायाधीश जावेद इकबाल ने एनएओ की धारा 18 (ई) और 24 (ए) के तहत पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी का निर्देश दिया।
अब्बासी को जांच पूरी करने के लिए जरूरी अवधि के लिए हिरासत में रखने की मांग को लेकर अदालत के सामने पेश किया जाएगा।
डॉन न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि आज (गुरुवार को) समय कम होने के कारण उनको कल (शुक्रवार को) अदालत में पेश किया जाएगा। एनबीए की ट्रांजिट डिमांड की मांग पर जवाबदेही ब्यूरो न्यायाधीश चौधरी आमीर खान सुनवाई करेंगे।
नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने ट्विटर पर अब्बासी की गिरफ्तारी की निंदा की है।
उन्होंने कहा, “हम शाहिद खाकन अब्बासी की गिरफ्तारी का कड़ा विरोध करते हैं। एनएबी इमरान खान की कठपुतली बन गया है। इन तुच्छ हरकतों से हमारे उत्साह को तोड़ा नहीं जा सकता है।”
डॉन न्यूज टीवी से बातचीत के दौरान पीएमएल-एन नेता अहसान इकबाल ने गिरफ्तारी का विरोध करते हुए कहा कि सरकार से सवाल करने वालों को चुप कराने के लिए गिरफ्तारी की जा रही है। उन्होंने कहा, “हमारा सवाल यह है कि क्या इस देश में किसी नागरिक को देश की सेवा करने का अधिकार नहीं है।”
उन्होंने कहा कहा, “अगर हम (सेवा) करेंगे तो हमारे ऊपर अभियोग चलाया जाएगा।”
रिपोर्ट के अनुसार, एनएबी ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री को एलएनजी मामले में तलब किया था लेकिन वह ब्यूरो के समक्ष उपस्थित नहीं हुए।
मामले की जांच कर रही टीम के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री ने उनसे पूछे गए 75 सवालों में से सिर्फ 20 सवालों का जवाब दिया।
उन्होंने बताया कि वक्त दिए जाने के बावजूद अब्बासी लगातार जवाब देने के लिए और वक्त की मांग करते रहे।
एनएबी ने अब्बासी को भेजे नोटिस में कहा था, “आप से आग्रह है कि आप 18 जुलाई 2019 को पूर्वाह्न् 10 बजे एनएबी, इस्लामाबाद में जांच अधिकारी उपनिदेशक मलिक जुबैर अहमद के समक्ष पेश हों। आपसे एलएनजी टर्मिनल के संबंध में पूछताछ की जाएगी और तत्कालीन पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री होने के कारण आपके बयान को रिकॉर्ड किया जाएगा।”
नोटिस में एजेंसी ने आगे कहा, “आपको बताया जाता है कि इस नोटिस के विफल होने पर नेशनल अकाउंटेबिलिटी आर्डिनेंस-1999 की अनुसूची के क्रम-2 में दिए नियम के अनुसार आपको दंडात्मक अंजाम भुगतना पड़ सकता है।”
इसी मामले में इससे पहले अप्रैल में सरकार ने अब्बासी, पूर्व वित्तमंत्री मिफ्ताह इस्माइल और पांच अन्य की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इससे पहले जारी एक अधिसूचना के अनुसार, मामले में शामिल कुल राशि 36.969 अरब रुपये है। इस मामले में एलएनजी आयात का ठेका देने के मामले में हुई कथित गड़बड़ी में अब्बासी की भूमिका की जांच हो रही है।