ईशनिंदा के मामले में पाकिस्तानी सर्वोच्च न्यायालय से बरी की जाने वाली इसाई महिला आसिया बीबी के वकील ने गुरुवार को कहा कि उन्हें देश में कट्टर इस्लामिक समूहों के चौतरफा विरोध के बीच अपनी सुरक्षा के लिए पाकिस्तान छोड़ देना चाहिए। सैफ-उल-मलूक ने समाचार एजेंसी एफे को कहा, “वह पाकिस्तान में सुरक्षित नहीं है और उन्हें देश छोड़ना होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें भी संभवत: खुद की सुरक्षा के लिए देश छोड़ना पड़ सकता है।”
सर्वोच्च न्यायालय ने ईश निंदा के संबंध में आसिया बीबी की मौत की सजा को रद्द कर दिया था, जिसके बाद ईशनिंदा कानून का समर्थन करने वाले कट्टरपंथी समूहों ने देश में हिंसक प्रदर्शन किया है। कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी तहरीक-ए-लेब्बाइक पाकिस्तान (टीएलपी) ने फैसले को देने वाले न्यायधीशों के मौत की अपील की है।
कट्टरपंथी पाकिस्तान में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और लगातार दूसरे दिन भी राजमार्गो को अवरुद्ध कर दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, ईसाई महिला के वकील ने कहा कि उन्हें अभी तक मुल्तान जेल से रिहा नहीं किया गया है और इस पक्रिया में कई दिन लग सकते हैं।
जब मलूक से यह पूछा गया कि किस देश में उनकी मुवक्किल शरण ले सकती है, इस पर उन्होंने कहा, “मैं नहीं जानता कि वह कहां जाएगी।”
दो अंगरक्षकों के होने के बावजूद मलूक ने कहा कि वह खुद अपनी ही जिंदगी को लेकर डरे हुए हैं।
उन्होंने कहा, “मुझे आसिया का बचाव करने के लिए कोई गिलानी नहीं है। लेकिन मैं डरा हुआ हूं। मुझे नहीं लगता कि मैं पाकिस्तान में सुरक्षित हूं।”
डॉन ऑनलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री इमरान खान की चेतावनी के बावजूद लाहौर, करांची और इस्लामाबाद जैसे बड़े शहरों में, टीएलपी के सदस्य लगातार राजमार्गो को अवरुद्ध कर रहे हैं।
यहां प्रदर्शन की वजह से गुरुवार को पंजाब, सिध और खबर पख्तूनख्वा प्रांतों में शैक्षणिक संस्थान बंद रहे।