कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को पत्र भेजकर अपनी सहानभूति प्रकट कर रही हैं। पत्र में लिखा है कि ‘अपनों का खोना क्या होता है, मैं दिल की गहराइयों से समझती हूं।’ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आईएएनएस को बताया, “यह पत्र पूरे प्रदेश में सीएए हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों के पास संवेदना के लिए भेजा जाएगा। कांग्रेस दु:ख के समय सभी ऐसे परिवारों के साथ खड़ी नजर आएगी।”
प्रियंका ने पत्र में लिखा है, “अपनों का खोना क्या होता है, मैं दिल की गहराइयों से समझती हूं। आपके साथ जो हुआ, उसकी कोई भरपाई तो नहीं की जा सकती है। लेकिन ऐसे मौके पर एक-दूसरे का हाथ थामने से मन को तसल्ली मिलती है। आप कतई अपने आप को अकेला न समझें। हौसला न खोएं। हम आपके साथ हैं। हमें आगे बढ़ना है और इंसाफ की मांग मजबूत करनी है। इंसान को बांटने वाली ताकतें मुल्क को कमजोर कर रही हैं। हमें अपने प्यारे मुल्क और संविधान को बचाने के लिए लड़ना है। जब भी और जहां भी हमारी जरूरत हो, आवाज देने में हिचक न करें। आपकी साथी प्रियंका गांधी वाड्रा।”
इसके पहले, शुक्रवार शाम कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता राशिद अल्वी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल फिरोजाबाद पहुंचा। कांग्रेस नेताओं ने यहां मृतकों के परिजनों से मुलाकात की। कांग्रेस नेताओं का कार्यक्रम पूरी तरह गोपनीय था। इसकी भनक न ही पुलिस को लगी और न ही कांग्रेस के जिलाध्यक्ष को।
सूत्र बताते हैं कि जिला प्रशासन एहतियातन तौर पर किसी बड़े नेता को फिरोजाबाद आने नहीं दे रहा है। इसलिए ये नेता चुपचाप वहां गए और प्रियंका गांधी का संदेश देकर वापस लौट गए।