वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने शुक्रवार को कहा कि सरकार जल्द ही एक समेकित स्वर्ण नीति लाएगी और इस क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के मकसद से एक देसी स्वर्ण परिषद का गठन करेगी। प्रभु ने कहा कि सोने पर मौजूदा 10 फीसदी आयात शुल्क को घटाकर चार फीसदी करने के लिए सरकार उद्योग की मांग का अवलोकन कर रही है।
उन्होंने कहा, “यह उद्योग के लिए अहम मसला है जोकि निर्यात केंद्रित है। अगर आप आयात शुल्क लगाते हैं तो कार्यशील पूंजी फंस जाती है। इसलिए हम पहले से ही इस दिशा में काम कर रहे हैं।”
इंडिया गोल्ड एंड ज्वेलरी समिट के मौके पर यहां संवाददाताओं से बातचीत में प्रभु ने कहा, “वहीं, चालू खाते के घाटे को कम करना वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी है, इसलिए वे आयात को नियंत्रण में रखने का तरीका तलाशते हैं।”
भारत सोने के सबसे बड़े आयातक देशों में शुमार है। पिछले वित्त वर्ष में भारत ने 33.65 अरब डॉलर का सोने का आयात किया था, जिसके फलस्वरूप देश का चालू खाते का घाटा चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.4 फीसदी हो गया।
प्रभु ने बताया कि उन्होंने रत्न व आभूषण क्षेत्र को पर्याप्त साख की उपलब्धता सुनिश्चत करवाने का सवाल वित्त मंत्रालय के पास रखा है।