बांग्लादेश में ‘सड़क परिवहन अधिनियम 2018’ में संशोधन की मांग को लेकर परिवहन कर्मचारियों द्वारा की जा रही 48 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल से रविवार को आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, राजधानी ढाका में सड़कों पर से बसें नदारद रहीं जिसके चलते हजारों लोगों को परेशानियों का सामान करना पड़ा। हालांकि, शहर की सड़कों पर रिक्शा, ऑटो और निजी कारें देखी गईं।
कर्मचारियों ने शनिवार रात को घोषणा की थी कि वे रविवार की सुबह से दो दिन के लिए परिवहन संचालन रोक देंगे।
सड़क परिवहन अधिनियम 2018 को यातायात नियमों का उल्लंघन करने के दोषियों के लिए सख्त सजा के प्रावधानों के साथ पिछले महीने पारित किया गया था।
अधिनियम, जो आधिकारिक तौर पर कानून बनने से पहले राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार कर रहा है, यह निर्धारित करता है कि दोषियों को पांच साल तक की सजा होगी या 500,000 बांग्लादेशी टका (5,910 डॉलर) का जुर्माना भरना होगा या दोनों सजा भुगतनी होगी।
देश के मौजूदा परिवहन कानून में जमानत के प्रावधान के साथ तीन साल की अधिकतम सजा का प्रावधान है।
जुलाई में बस से दो छात्रों के कुचल कर मारे जाने और नौ अन्य छात्रों के घायल होने की घटना के बाद देश भर में छात्रों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।