एथेनॉल की कीमतों में बढ़ोतरी को मिली कैबिनेट की मंजूरी
सरकार ने कहा कि इस योजना का फायदा सभी डिस्टिलरियों को मिलेगा और ईबीपी कार्यक्रम के तहत उनसे एथनॉल की आपूर्ति की उम्मीद है।
नई दिल्ली : किसानों और चीनी मिलों के लिए खुशी की खबर है कि केंद्र सरकार ने एथेनॉल की कीमतें बढ़ा दी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने एथनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत गन्ना आधारित प्राकृतिक सामग्री से उत्पन्न होने वाले एथनॉल के दाम मंे बढ़ोतरी को मंजूरी दी। सरकार ने एक दिसंबर, 2020 से 30 नवंबर, 2021 की एथनॉल आपूर्ति वर्ष के चीनी सीजन 2020-21 के लिए एथेनॉल की कीमतों में वृद्धि की है।
संशोधित कीमतों के अनुसार, सी-हैवी शीरे से बने एथनॉल की कीमत 43.75 रुपये से बढ़ाकर 45.69 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है, जबकि बी-हैवी शीरे से उत्पन्न एथनॉल की कीमत 54.27 रुपये से बढ़ाकर 57.61 रुपये प्रति लीटर तय की गई है।
वहीं, गन्ने के रस/चीनी की चाशनी से उत्पन्न एथनॉल की कीमत 59.48 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 62.65 रुपये प्रति लीटर की गई है। मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी यहां मीडिया को देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि एथेनॉल की कीमतों में 5 से 8 फीसदी बढ़ोतरी की गई है।
इसके अतिरिक्त जीएसटी एवं माल ढुलाई प्रभार भी अतिरिक्त रूप से देय होगा। तेल विपणन कंपनियों को वास्तविक आधार पर माल ढुलाई प्रभार तय करने की सलाह दी गई है, ताकि एथनॉल को लंबी दूरी तक ले जाने पर अतिरिक्त अनावश्यक खर्च से बचा जा सके।
राज्य के भीतर स्थानीय उद्योगों को उचित अवसर प्रदान करने और एथनॉल की आपूर्ति में किसी भी प्रकार की अनियमितता से बचाने के लिए तेल विपणन कंपनियां विभिन्न स्रोतों से आने वाले एथनॉल का प्राथमिकता आधार तय करेंगी। इसमें माल ढुलाई पर आने वाला खर्च और उपलब्धता इत्यादि कारक शामिल हैं। यह प्राथमिकता उस राज्य अथवा संघ शासित प्रदेश में एथनॉल के उत्पादन की लाभकारी सीमा तक होगी। इसके अलावा, जहां भी जरूरत होगी, उसी आधार पर विभिन्न राज्यों से एथनॉल के आयात में इसी प्रकार की वरीयता दी जाएगी।
सरकार ने कहा कि इस योजना का फायदा सभी डिस्टिलरियों को मिलेगा और ईबीपी कार्यक्रम के तहत उनसे एथनॉल की आपूर्ति की उम्मीद है। एथनॉल आपूर्तिकर्ताओं को दिए जाने वाले भुगतान से गन्ना किसानों की बकाया राशि में कमी आने में मदद मिलेगी और आखिर में इसका फायदा गन्ना किसानों को ही मिलेगा।
सरकार ने 2014 से ही एथनॉल की प्रशासित कीमतों की अधिसूचना जारी की है और 2018 में पहली बार विभिन्न प्रकार की कच्ची सामग्री पर आधारित एथनॉल की विभिन्न कीमतों की सरकार ने घोषणा की थी और सरकार के इन फैसलों से एथनॉल की आपूर्ति में काफी सुधार आया है। इसी के चलते सरकारी क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने एथनॉल आपूर्ति वर्ष 2013-14 में 38 करोड़ लीटर एथनॉल की खरीद की थी जो एथनॉल आपूर्ति वर्ष 2019-20 में बढ़कर 195 करोड़ लीटर हो गई है।