पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने सिंध प्रांत की सरकार को आड़े हाथ लेते हुए पूछा है कि क्या सिंध में सरकार नाम की कोई चीज है भी। अदालत ने कहा कि राज्य में कोई भी नौकरी बगैर पैसा दिए नहीं मिलती। अदालत ने यह तल्ख टिप्पणियां स्वास्थ्य विभाग में महज 27 पदों पर 305 लोगों की भर्तियों के मामले की सुनवाई के दौरान की।
सुप्रीम कोर्ट की कराची रजिस्टरी में न्यायाधीश गुलजार अहमद की अध्यक्षता वाली पीठ ने मीरपुर खास में स्वास्थ्य विभाग में भर्तियों में हुई बड़े पैमाने की धांधली के आरोपों पर सुनवाई करते हुए आगे किसी भी भर्ती से सिंध प्रांत की सरकार को मना कर दिया।
न्यायाधीश अहमद ने सुनवाई के दौरान कहा कि सिंध में हुकूमत नाम की कोई चीज है भी या नहीं, या फिर सभी अफसर अपनी-अपनी हुकूमत लगाकर बैठ गए हैं।
अदालत ने कहा कि कोई नौकरी बगैर पैसे के नहीं मिलती। बेचारे लोग गाय, भैंस, बकरी बेचकर नौकरी खरीदते हैं। लाखों देकर नौकरी खरीदते हैं और फिर उनसे कहा जाता है कि जरूरत से ज्यादा भर्ती हो गई है, इसलिए नौकरी देने में दिक्कत है।
सरकार ने अदालत में कहा कि यह भर्तियां अवैध हैं, इसलिए उन्हें रद्द किया जाए। जबकि नौकरी पा चुके लोगों ने कहा कि उन्हें काम दिया जाए, वापस घर न भेजा जाए।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई पर प्रांत के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब किया है।